shweta soni

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आजादी के पल

उस अंधेरे कमरे में उसने अपनी आंखें धीरे - धीरे खोली । उस शख्स ने अपने हाथ और पैर को हिलाने की कोशिश करने लगा । लेकिन जिन लोगों ने उसे कैद किया है उन लोगों ने उसके हाथ , पैर बांध दिए हैं ‌।‌

उस शख्स की किस्मत अच्छी थी कि उन लोगों ने उस शख्स का मुंह और आंखें खुला छोड़ दिया । उसने इंडियन आर्मी वाले कपड़े पहन रखे थे । शायद किसी खास मिशन के लिए यहां भेजा गया था । लेकिन एक चूक के कारण अपने साथियों से अलग वो इनकी कैद में आ फंसा । ये पूरा का पूरा इलाका नक्सलियों के कब्जे में था ।
इस गांव के लोगों के साथ - साथ उन लोगों यहां के विधायक और गांव के सरपंच को भी अपनी कैद में रखा हुआ है ।
कमांडर सुशांत अपनी टीम के साथ इनकी तलाश में निकलें थे । उनकी टीम ने नक्सलियों का ठिकाना भी ढूंढ लिया था । वो कुछ करते उससे पहले ही नक्सलियों ने कैप्टन सुशांत की टीम पर हमला कर दिया । उनकी संख्या सुशांत के टीम के मुकाबले बहुत ज्यादा थी । नक्सलियों से मुठभेड़ में कई सोल्जर शहीद हो गए और जो बच गए । उन्हें कैद कर लिया गया और किसी प्रकार का नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर के रखा गया था । जिससे कि वो उनके मिशन में कोई रोड़ा ना बने ।  नक्सलियों ने सुशांत और उसके कुछ बचे हुए साथियों को अलग-अलग रखा था । आज पूरे दो दिनों के बाद कैप्टन सुशांत को होश आया था ।

नशीले पदार्थ के कारण उसे थोड़ी कमजोरी हो रही थी लेकिन उसमें अभी भी थोड़ी ताकत बची थी , कि अपने हाथ - पांव हिला सके । कुछ देर कोशिश करने के बाद कैप्टन सुशांत ने अपने मुंह से अपनी हाथ  में बंधी हुई रस्सी को खोला फिर पैर में बंधी रस्सी खोल कर । इधर - उधर देख कर स्थति को समझने की कोशिश करने लगा । अचानक उसे उस कमरे में किसी के आने की आहट सुनाई दी । उसने जल्दी-जल्दी अपने पैरों में रस्सी बांधकर और हाथ में लपेट कर लेट गया ।‌ वो दो शख्स थे , एक शख्स वहीं बाहर खड़ा रहा और दूसरा कमरे में दाखिल हुआ उसने आते ही  सबसे पहले जमीन पर लेटे हुए कैप्टन सुशांत को अपने पैर से हिला कर देखा । 
चूंकि कमरे में अंधेरा था उसने ध्यान नहीं दिया कि कैप्टन सुशांत के हाथ और पैर खुले हैं वह शख्स निश्चिंत था । उसे लगा कि कैप्टन सुशांत अभी भी नशे की वजह से बेहोश है। वह पलट कर जाने लगा कि अचानक कैप्टन सुशांत चीते की फुर्ती से उठ कर उस शख्स का मुंह बंद करके उसे बेहोश कर दिया । और अपने कपड़े उस शख्स के साथ बदल लिए ।‌ उसका मुंह और हाथ पर अच्छी तरह से बांधकर बाहर आ गया। कैप्टन सुशांत ने अपना मुंह अच्छी तरह से ढक दिया था जिससे कि उनको कोई शक ना हो और बाहर खड़े हुए शख्स के पास जाकर खड़ा हो गया । उस शक्स ने सुशांत से कहा कि मैं यहां पर इसकी निगरानी करता हूं और तुम उधर ( एक की तरफ इशारा करते हुए ) जाकर उनकी मदद करो । सुशांत हैरानी से उस शख्स को देखने लगा । वह उनके प्लान के बारे में सोचने लगा । उस शख्स ने इशारे से वहां जाने के लिए कहा । 

सुशांत चुपचाप उसके कहे अनुसार एक घर के अंदर दाखिल हुआ । 

वहां पहुंचने पर उसने देखा कि , एक बड़े से कमरे में बड़ी - बड़ी टेबलों के ऊपर बहुत सारे लोग एक विशेष प्रकार के कपड़े पहन कर कुछ कर रहे थे । उसने भी वहां जाकर अपने ढकें हुए चेहरे को बिना खोले उस कपड़े को पहनने लगा । क्योंकि सभी लोगों ने अपने चेलों ढके हुए थे । इसलिए सुशांत से किसी ने भारत कुछ नहीं पुछा । सुशांत ने पास जाकर देखा तो उसके होश उड़ गये ।‌ सभी लोग तीन - तीन की कतारें बना कर अपना काम कर रहे थे । उनके पास वो सब सामान थे जिससे की बहुत ही ख़तरनाक बम बना रहे थे ।

सुशांत अपने ट्रेनिंग के दिनों में उन्हें ये सब बताया गया था । इसलिए उसे कुछ - कुछ पता था । इसलिए वो भी सबके साथ काम करने लगा । वो सब चुपचाप अपना काम कर रहे थे कि तभी एक कमांडर जैसे दिखने वाले व्यक्ति उस कमरे में दाखिल होते हुए कहा । 

कमांडर - आप सबको इस मिशन पर काम करते एक महीने से ज्यादा हो गया है । आप सब के पास सिर्फ आज रात का वक़्त है । हमारे इस मिशन को पूरा करने के लिए तो मेरे साथियों हमें हमारी आजादी को पाने के लिए बस चंद घंटों का सफर पूरा करना है । उनको इस तरह कहते हुए सुनकर कैप्टन सुशांत चौंक जाते हैं और उनके कमांडर के जाने के बाद अपने हाथ तेजी से चलाते हुए । उनके नज़रों से बचाकर कुछ बम अपने जेब में भरकर रख लेता हैं । और उन सबकी नजरों से बचकर टेबल के नीचे कुछ करने लगता है । 

प्यास लगने का बहाना कर के वहां उस कमरे से बाहर निकल कर उनके कुछ खास जगहों को ढूंढकर  वहां उनके हथियार वाली जगह पर छेडखानी करता है । उसको ऐसा करते एक व्यक्ति ने देख लेता है । वो सुशांत को पकड़ के लिए आगे बढ़ता है । लेकिन सुशांत उसे काबू में कर के सरपंच और विधायक का पता लगाने में कामयाब हो जाता हैं । उन सबको छुड़वाते हुए वो उल्टी गिनती शुरू करता है । 10 , 9, 8 ,7, 6, 5, 4, 3, 2 ,1बूम ..15 अगस्त की आजादी की सुबह की बात ही कुछ और थी ...।

समाप्त

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8 Comments

Pallavi

22-Sep-2022 09:32 PM

Very nice

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Abeer

22-Sep-2022 10:58 AM

Bahut khub

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Barsha🖤👑

21-Sep-2022 05:23 PM

Beautiful

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